हेल्लो दोस्तों आज हम Nag Panchami Festival Story In Hindi कि कहानी पढ़ेगे. इसके माध्यम से आप यह भी जान जायेगे कि नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है. इस कहानी के माध्यम से एक जिव के प्रति क्या भाव वक्त करना चाहिए, ये भी पता चल जायेगा जिससे आप भी किसी जानवर या जीवजन्तु के प्रति अच्छा भाव रखेगे.
प्राचीन काल में एक सेठ के सात बेटे थे. सातों बेटो का शादी हो चुका था. सेठ के सबसे छोटी बहु चरित्र एवं स्वभाव के बहुत बहुत अच्छी थी. एक दिन घर को निपने के लिए पीली मिट्टी लेने सातों बहु गई सबसे बड़ी बहू जब मिट्टी खोदने लगी तो वहां एक सर्प निकला, सर्प को देखकर बड़ी बहू डर जाती है ,और उसे मारने लगती है.
ये सब देखकर छोटी बहु बोली इसे छोड़ दो इसे मत मारो इसकी कोई गलती नही है. तब बड़ी बहू उस सर्प को नही मरती है, एवं छोड़ देती है. ये सब देखकर सर्प एक जगह शांत से बैठ जाता है. सब लोग घर जाने लगे तभी छोटी बहु सर्प से बोली की तुम यही रुको मैं थोड़ी देर में आता हूं।
सर्प ने उसकी बात मान लिया एवं उसका इंतजार करने लगा लेकीन छोटी बहु घर जाकर अपने काम में व्यस्त हो जाती है, और सर्प का बात भूल गई एक दिन बीत गया तब उसे सर्प का याद आया उसने तुरंत दौड़ती हुई सर्प के पास जाती है और माफी मांगने लगती है, की भईया मुझे माफ कर दो मैं तुमको रूकने के लिए बोला और भूल गई तभी सर्प ने बोला तुम मुझे भईया बोली है.
इसलिए छोड़ रहा हूँ, तुम्हारी बात से मैं बहुत खुश हुआ बोलो क्या चहिए तुम्हे उसकी बातो को सुनकर छोटी बहू बोली की मेरा कोई भाई नहीं है. तब सर्प ने बोला की आज से मैं तेरा भाई हूं ये बात सुनकर वह बहुत खुश हुई.
एक दिन सर्प ने आदमी का रूप लेकर छोटी के पास जाता है, और बोलता है की मेरी बहन को मेरे साथ भेज दो ये बात को सुनकर बड़ी बहू बोली की इसका तो कोई भई ही नही है. तुम कोन हो तभी सर्प ने बिला की मैं इसका दूर का रिश्तेदार का भाई हु बचपन में मैं घर से दूर चला गया था सारी. बात को सुनकर घर वालो ने छोटी बहू को सर्प के साथ भेज दिया। दोनों साथ में घर गए.
रास्ते में सर्प ने बोला की तुम डरो नहीं मैं तुम्हारा सर्प भाई हूँ. तुमको चलने में कोई दिक्कत हो तो मेरी पूछ पकड़ लेना सर्प ने उसको एक बहुत ही शानदार महल में लेकर गया. जहां हर चीज सोने के बने थे. एक दिन सर्प की माँ कही जा रही थी.
तब छोटी को बोली की अपने भाई को ठंडा दूध पीने के लिए दे देना इतना बोलकर सर्प की मां चली जाती है.छोटी बहू ने गलती से गर्म दूध पीने के लिए दे देती है एवं सर्प का मुंह गर्म से जल जाता है. ये सब देख सर्प की मां छोटी बहू को बहुत डाटती है. तब सर्प ने अपनी माँ को समझता है. उसकी माँ सर्प की बात मान कर शांत हो जाती है.
एक दिन सर्प ने बोला की अब बहन को उसके घर भेज देना चहिए. तब सर्प के माता पिता ने छोटी बहू को बहुत से सोने हीरे एवं जवाहरात देकर भेजती है. ये सब देखकर बड़ी बहू ईर्ष्या से बोलती है, की इसे सोने के लिए बेड भी सोने का ही चहिए सर्प ने उसे सोने का बेड लाकर दे दीया फिर बड़ी बहू ने बोली की झाड़ू भी सोने का ला दो। तब सर्प ने उसे झाड़ू भी सोने की ला दी।
सर्प ने छोटी बहू को हीरे मानियो का एक हार लाकर दीया ये बात पहर जगह फैल गई. ये उस राज्य के राजा के पास भी पहुंचा तब रानी ने बोलो की ये हमारे पास होना चहिए। राजा ने तुरत सेठ को बुलाया और हीरे के हार मांगकर रानी को दे दीया। छोटी को ये बात बहुत बुरी लगी. उसने अपनी सर्प भाई को याद की तभी सर्प तुरंत वहा प्रकट हो गया.
तब छोटो बहू रोते हुई बोली भईया रानी ने मेरा हार छीन ली तुम कुछ एसा करो की जब हार मेरे गले में रहे तो हार हीरा का रहे, एवं दूसरे के गले में सर्प बन जाय सर्प ने वैसा ही किया रानी ने जैसे ही हार को गले में डाली तो सर्प बन गया. ये देखकर रानी बहुत दर गई और रोने लगी। ये सब देखकर राजा को बहुत गुस्सा आया एवं छोटी बहू को तुरंत बुलाया और बोला की ये क्या है.
तुम क्या जादू कर रखी हो तब छोटी बोली ये ऐसा ही है. ये हार सिर्फ मेरे गले में ही हीरा का होता है, एवं दूसरे के गले में सर्प बन जाता है तब राजा ने हार को छूटी के गले में डाला तो वह हीरे का ही था।
ये सब देख बड़ी बहू छोटे बेटे को बहका दी और बोली तेरी पत्नि के पास इतने सारा चीज आता कहा से हैं. तब छोट बेटे ने अपनी पत्नि को बुलाया और बोला इतन सारा गहना कहा से आए तेरे पास बोल “तभी फिर से सर्प को मन ही मन याद की और बुलाई सर्प तुरंत आया और सब को गुस्सा से बोला कोई भी मेरी बहन के बरे मे गलत सोचा तो सब को जान से मार डालूंगा. ये सब देख कर छोटे बेटे को अपनी पत्नि पर यकीन हो गया. ताभी से सारी लड़कियां सर्प को अपने भाई मानकर उसे नागपंचमी के दिन दूध पिलाकर पूजा करती हैं.
निष्कर्ष
दोस्तों नाग पंचमी की कहानी आपको कैसी लगी यह कमेन्ट बॉक्स में हमें जरुर बताएं. इसी तरह के और भी मजेदार कहानी पढ़ने के लिए हमारे इस वेबसाइट Allmobilezone.com पर दुवारा जुरूर आए.