टॉप 5 मजेदार कहानियां हिंदी में | Some Interesting Stories in Hindi with Moral

नमस्कार दोस्तों, आप हम आपके लिए टॉप 5 मजेदार कहानियां हिंदी में उपलब्ध करवाने जा रहे हैं. यह सारी कहानियां बहुत ही मजेदार है, इसे पढ़ने में बहुत हीं मजा आने वाला है. वैसे तो मजेदार कहानियां सभी उम्र के लोगों को पसंद आती हैं, उन्हें मनोरंजन और सीख से भरपूर महसूस कराती हैं. लेकिन बच्चों को इन कहानियों में कुछ ज्यादा ही रूचि होती हैं क्योंकि उन्हें स्टोरी में शामिल किए गये चरित्रों से अपनी परेशानियों को हल करने और जीवन में अच्छी आदतें बनाने के लिए प्रेरणा मिलती है। बच्चों के अलावा अधिक उम्र के लोगों को भी मजेदार कहानियां देखने और सुनने में रुचि होती है क्योंकि ये कहानियां उन्हें अपने जीवन के अनुभवों से जोड़ने और समस्याओं का समाधान ढूंढने में मदद करती हैं.

इसे भी पढ़े: Funny Story || Long Funny Stories || Funny Story In Hindi For Child || नैतिकता के साथ हिंदी कहानी बच्चों के लिए

टॉप 5 मजेदार कहानियां हिंदी में

Top 5 Interesting Stories में हमने बहुत अच्छी-अच्छी कहानियों को शामिल किया है. इस पढ़कर आप आपको बहुत हीं मजा आने वाला है. ये सारी कहानियां बहुत हीं मेहनत से हमने आपके लिए तैयार किया है. इसमें से पहली स्टोरी है “टाइटैनिक की कुछ अनसुनी कहानी”, जो की टाइटैनिक जहाज के ऊपर आधारित है. ये जहाज कैसे डूबा था हम सबने “टाइटैनिक” फिल्म में देखा था. इसके बाद अगली कहानी है “भालू और दो दोस्त कि कहानी” ये कहानी बच्चों को बहुत हीं ज्यादा पसंद आती है. अगली स्टोरी है “कोशिश करने वालो को कभी हार नहीं होती है”, इस कहानी में एक Moral है जो बच्चों के लिए जरुरी है. इसके बात बाली कहानी जिसका टाइटल है “अकबर और बीरबल की कहानी”, इस तरह की कहानियां हमने बचपन में बहुत पढ़ी होगी और हर बार इन कनाहियों को पढ़कर मजा ही आता था. और आखिरी कहानी की बात करें तो ये है “खजाना और चतुर बूढ़ा” की कहानी, ये कहानी भी बच्चों को बहुत ही पसंद आती है. हमारे इस ब्लॉग पर 10 मजेदार कहानियां का भी पोस्ट देख सकते हैं. जो कुछ हीं दिनों में पब्लिश कर दी जाएगी.

इसे भी पढ़े:Jadui Majedar Kahaniya | छोटे बच्चों के लिए जादुई मजेदार कहानियां

टाइटैनिक की कुछ अनसुनी कहनी 

ये कहानी टाइटेनिक जहाज के ऊपर है टाइटेनिक दुनिया का सबसे सुरक्षित एवं कभी ना डूबने वाला जहाज में से एक माना गया था जब टाइटेनिक पूरी तरह से तैयार हों गया था । तब सारे वैज्ञानिक घोषित कर दिए थे, की इसे अब कही भी ले जाया जा सकता है तब बहुत सारे लोग ने अपना अपना टिकट कटाया जहाज पर जाने के लिए उसी में से एक व्यक्ति थे जिन्हें क्लार्क नाम था।

क्लार्क एक किसान थे वे टाइटेनिक पर सैर करने के लिए अपनी जिंदगी की सारी जमा पूंजी देकर अपने एवं अपने पांच बेटो और पत्नि का टोटल सात टिकेट बनाए ।

जब टाइटेनिक जहाज 10 अप्रैल 1912 को इगलैंड से अपनी प्रथम यात्रा करने बाला था उसके ठिक पांच दीन पहले क्लार्क के एक बेटे को उनके पालतू कुता ने काट लिया । ये सब देखकर क्लार्क भी बहुत चिंता में थे की जिंदगी का सारा जमा पूंजी टिकेट में लगा दीया हु टिकेट रिफंडेबल भी नही है।

अब क्लार्क की पत्नि बहुत चिन्ता होने लगीं की एक को कुटे ने काट लिया पांच दीन बाद टाइटैनिक पर सैर भी करना है पर अपने बेटे को छोड़ कर कैसे जाए ।

तब वह क्लार्क से बोली ऐसा करो की आप अपने चार बेटे के साथ टाइटैनिक पर घूम आयो मैं अपने बच्चे को इस हालत में छोड़कर नही जा सकती हूं। क्लार्क बहुत सोच विचार किए फिर मन ही मन सोचने लगे चलो छोड़ो बच्चे को इस हालत में छोड़कर जाना ठिक नही हैं।

10 अप्रैल 1912 को जब टाइटैनिक अपने स्थान से रवाना हों रही थी तब उसने अपने चार बच्चे के साथ टाइटैनिक को समुंद्र के किनारा से अपनी नम आंखों से देख रहे थे की जहाज पर सब लोग साबर होकर खुशी खुशी जा रहे थे जब टाइटैनिक रवाना हों गया तो वह घर वापस लौट गए।

ठीक चार दिन बाद दुनियां को खबर मिली की टाइटेनिक आइसबर्ग से टकराकर डूब गया ये सुनकर क्लार्क एवं उसकी पत्नि अपने कुत्ते को इतना प्यार किए की आप सोच भी नही सकते हो जो इंसान पांच दीन से उस कुत्ते को गालियां दे रहा था वह उसको इतना लड़ प्यार करने लगा। इस दुनियां में जो होता है अच्छे के लिए होता हैं।

इसे भी पढ़े: Bhoot Ki Kahani In Hindi | भूतों की कहानियां

भालू और दो दोस्त कि कहानी 

बहुत साल पहले की बात है एक गांव में दो दोस्त रहते थे एक का नाम राजू और दूसरा का नाम अमन था दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे दोनों हर काम साथ में करते थे दोनों की दोस्ती को लोग मिशाल देते थे एक बार की बात है दोनों साथ में जंगल की ओर घूमने निकले ।

जंगल में घूमते घूमते आपस में बातें करते जा रहे थे तभी जोर से आवाज आती है तब राजू डर जाता है और बोलने लगता है की अमन मुझे बहुत डर लग रहा है चलो अब घर लौट चलते है तब अमन बोला तुम डर क्यों रहे हों मैं हू ना तुमको कुछ नही होने दूंगा तभी सामने एक भालू दिखाई दीया भालू को देखकर राजू और डर जाता है , भालू राजू और अमन की तरफ ही आ रहा था ।

ये देखकर अमन भी डर गया उसने अपनी जान बचाने के बारे में कुछ सोचा तभी उसके मन में एक उपाय सूझा और अमन को पेड़ भी चढ़ने आता था उसने राजू को अकेला छोड़कर पेड़ पर चढ़ गया और राजू को पेड़ चढ़ने नही आता था राजू अमन से मदद मांगा और बोला अमन मुझे भी पेड़ पर चढ़ने में मदद करो मुझे पेड़ चढ़ने नही आता है तब राजू ने बोला नहीं दोष भालू मुझे भी मार डालेगा ऐशा बोलकर राजू को अकेला छोड़ दीया

भालू राजू के नजदीक आ गया तभी उसके मन में एक उपाय सूझा की भालू मारे हुई आदमी को नहीं खाता हैं । उसने तुरंत अपनी सास को रोक कर जमीन पर लेट गया और ऐसा की भालू को लगा कि ये मरा हुआ है भालू ने राजू को चारो तरफ़ से सूंघा और कुछ देर की बाद खुद बापस चला गया ।

ये सब होते पेड़ के उपर से अमन देख रहा था एवं सोच रहा था की भालू राजू को कुछ भी नही किया और बापस चला गया अमन पेड़ पर से नीचे उतरा और बोला राजू तुमको भालू कुछ भी नहीं किया तुम बहुत लक्की हो दोस्त तब राजू बोला मैं लक्की ही इसलिए मुझे तुम अकेले छोड़ दिया थे ऐसा दोस्त मुझे भी चहिए तुम अपने रास्ते मैं अपने रास्ते और उसी दिन से दोनों की दोस्ती खतम हो गई और दोनों अलग अलग रहने लगे

 

कोशिश करने वालो को कभी हार नहीं होती है 

बहुत साल पहले को बात है एक गांव था। गांव में ज्यदातर किसान ही रहते थे । सभी किसान अपने अपने खेतो मे अच्छे से हल चलाकर खेती किया करते थे । उसी में से एक किसान था जिसका नाम रामलाल था रामलाल बहुत मेहनती और ईमानदार व्यक्ति था वह अपने काम से मतलब रखता था वह फालतू का इधर उधर समय नही बिताता था ।

एक बार की बात है गांव में बारिश होना बंद हो गया और चारो तरफ़ सिर्फ एक ही बात फैल गई की अब इस गांव में 10 साल/बर्ष बारिश नहीं होगी । ये बात सुनकर सभी किसान अपना अपना हल एवं खेती करने बाली सभी सामान को साफ करके रख दीया। पर रामलाल ने किसी की बात नही सुनी और वह हर बार की तरह इस बार भी खेत जोतते रहा ।

तभी एक किसान बोला ये क्या कर रहें हों राम लाल जब सब लोग अपना अपना सामान को रख दिया है की अब 10 बर्ष बारिश नहीं होगी तो तुम सुखा खेत को क्यों जोत रहे हों । ये बात सुनकर रामलाल ने बोला नही भाई मैं इस लिए नही जोत रहा हु की बारिश नहीं होगी मैं बस इसलिए जोत रहा हु की 10 साल में मैं खेत जोतना ना भूल जाऊ।

जब किसान और रामलाल दोनो आपस में बात कर रहें थे उसी समय वहा से एक बादल भी गुजर रहा था तभी दोनों की बात बादल ने सुन लिया । बादल ये बात सुनकर सोचने लगा कि ये बोल रहा है की यादि मैं खेत नही जोतूंगा तो खेत जोतना भूल जाऊंगा कही ऐसा ना हो की 10 साल बाद मैं भी बरसना भूल जाऊ ।

वह तुरंत गया अपने बादल सभा में और ये सारी बात अपने साथियों को बोला तो सभी ने बैठक किया और सोचा कि ये बात सच हो सकता है की यादि नही बरसे तो बरसना भी भूल सकते है बादल तुरंत सभी दोस्तों के साथ बरसना सुरु कर दीया। बारीश होने पर रामलाल और गांव के सभी किसान बहुत खुश हुए एवं अपने – अपने हल बैल निकाल कर खेती करना सुरु कर दिए।

तो दोस्तों इस कहानी से हमे यहीं सिख मिलता की अपने काम पर ध्यान देना चहिए निरंतर प्रयास करने बालो को ही अंत में जीत होती है।

 

अकबर और बीरबल की कहानी

एक बार की बात है जब अकबर रात के समय बेड पर लेटे हुए थे तो उनके मन में एक विचार आया , की इस दुनिया में अंधा कौन है तो वो बहुत सोचने लगे तब इस बात को हल करने के लिए जब सुबह हुई तो अपने राजदरबार में बैठे सभी मंत्री भी थे साथ में बीरबल भी सभा में मौजूद थे ।

तो अकबर ने इस बात को सभी मंत्रीओ से बोला की इस दुनिया में अंधा कोन है तो सब लोगबीचार करने लगे तो कोई बोला जिसका आंख नही है वो अंधा और भी कई प्रकार का उत्तर दिए पर बीरबल चुप थे ।

तभी अकबर बोले बीरबल तुम चुप क्यू हो बताओ तुम भी तब बीरबल बोले की महराज इस दुनिया में सभी लोग अंधा है तो अकबर बोले क्या बात कर रहें हों तुमको मतलब मैं भी अंधा हु तो बीरबल बोले बिलकुल तो इस बात पे अकबर को बहुत गुस्सा आया तो बोले कैसे कह सकते हों की मैं अंधा हु साबित करो

तब बीरबल बोले ठिक हैं महराज 2 दिन का समय दीजिए मैं साबित कर दूंगा तो बीरबल बोले यादि साबित कर दीया तो तुमको ईनाम दीया जाएगा बीरबल बोले ठिक है महाराज आप कल मेरे साथ बगीचे में चलिएगा महराज बोले ठिक है

सुबह हुई अकबर और बीरबल बगीचे गाए तब वहा बीरबल अपने हाथ में एक कुदार लिए हुए थे तो कुदार से रोड खोदने लगे इतने में अकबर बोले ये क्या कर रहे हों बीरबल देख नही रहे हैं महराज खोद रहा हु , फिर कुछ देर होने के बाद फिर पेड़ को काटने लगे तभी अकबर बोले ये क्या कर रहे हों तो फिर बीरबल बोले आपको दिखाई नही दे रहा है ।

महाराज की मैं खोद रहा हूं फिर कुछ दूर चलने पर फिर एक पौधा को उखाड़ कर लगाने लगे तो फिर अकबर बोले क्या कर रहें हों बीरबल यही तो मै आपको समझा रहा हु की अंधा सब कोई हैं तभी अकबर बोले की हा तुम सही बोल रहे हों इस बात पर खुश होकर अकबर ने बहुत से इनाम दीए

 

खजाना और चतुर बूढ़ा

एक गांव में एक रामपुर , रामपुर के अधिकतर किसान कर्ज के कारण बहुत परेशान थे । वहा के जमीदार बहुत तेज था उसका नाम फिरकी लाल था, वह सभी किसान को कर्ज देकर उससे ज्यादा पैसे लेता था । बेचारा गांव के भोले भाले किसान उसके झांसे में आकर उसकी बात मान लेते थे।

एक दिन राम नाम का किसान फिरकी लाल के पास गया और बोला और बोला जमीदार जी इस बार फसल खराब होती जा रही है खेतो में खाद देना है उसके लिए कुछ पैसों की जरुरत थी यादि आप दे देती तो हमारी खेतो में खाद पर जाता और फसल अच्छी होती ये सुनकर फिरकी लाल ने अपने मैनेजर को बोला इसे पैसे दे दो मैनेजर ने बोला कितना पैसा दू किसान ने एक हजार रुपए मांगे।

तब फिरकी लाल ने उससे ज्यादा ब्याज पर पैसे दे दिए उसने अपने कर्जे भरते भरते परेशान था और सभी किसानों को तरह राम के पास खाने के लिए घर में नमक तक नही था ।

वह दूसरे के घर पर रोजाना कभी नमक कभी हल्दी कभी दल चावल मगाने जया करता था एक दिन अजय के घर पर रोता हुआ गया और दाल मांगा तभी अजय के पिता ने बोला की क्या हुआ बेटे तुम रो क्यों रहे हों तुम एक मेहनती लड़का हो तुम्हें रोते हुए सोभा नही देता ।

तब राम ने बोला क्या बताऊं चाचा जमीदार ने हमसे ज्यादा ब्याज पर पैसे देकर मुझे से ज्यादा पैसे ले रहा है मैं एक हजार रुपए लिए था उसके बदले में अभी तक तीन हजार दे चुका हूं फिर भी अभी तक पूरा पैसा बाकी ही है ।

ये सब सुनकर बड़े चाचा ने बोला ठिक है मै कुछ करता हु उसने अपने बेटे अजय और राम दोनों को बोला की जाओ अपने खेत के पास जाकर थोड़ा तेज आवाज में बात करना और बोलना इस खेत में मेरे दादा के पिता ने खजाना रखा है उसे कैसे निकालू दोनों ने बिल्कुल वैसा ही किया ।

जैसा अजय के पिता ने बोला था उसकी बातो को सुनकर बगल के किसान पूरे गांव में बात को फैला दीए ये बात फिरकी लाल के पास भी पहुंची फिरकी लाल बहुत तेज़ था उसने तुरत अजय के पास गया और बोला क्या ये बात सही है, की तुम्हारा खेत में खजाना है ।

तब अजय ने बोला हा है ये बात सुनकर फिरकी लाल ने बोला उसको खोदने में तो बहुत खर्च पड़ेगा ना तुम इतने पैसे कहा से लाओगे तब अजय ने बोला कोई बात नही गांव के बगल वाले जमीदार ने बोला है इसे खुदवाने के लिए ये सुनकर फिरकी लाल बोला बगल गांव के क्यू मैं इसे खुदवाऊंगा ।

तब अजय ने बोला नही नही वो ही ठिक है ये सुनकर फिरकी लाल बोला तुमको इसके बदले में कितना पैसा चहिए तब अजय बोला ठिक है इतना जिद कर रहे है तो इसके बदले में आप गांव के सारे किसान का कर्जा माफ कर दीजीए और मुझे पांच हजार रुपए दे दीजिए ।

फिरकी लाल मान गया और खुदाई सुरु करवा दी ये बात पुरे गांव में फैल गया और बोला गया जमीदार के पास से सभी किसान अपना अपना हिसाब करवा ले सब ने अपना अपना हिसाब करवा किया और सभी किसान ने अजय और राम को फसल काटकर दिए । अजय के पिता ने रात में राम और अजय को एक पेटी दिए और बोले जाओ खेत में इसे गड़ दो दिनों ने मिलकर खेत में पेटी को गड़ दीया ।

सुबह फिरकी लाल गिर खुदवाना सुरू किया खोदते खोदते एक मजदूर जो वो पेटी मिला जो रात में अजय और राम ने गड़ा था उसे देखने के लिए फिरकी लाल दौड़कर गया और पेटी खोला तो उसमें केवल खुरपी कुदार औजार मिला ।

ये देखकर फिरकी लाल के होश उड़ गया और गुस्सा से बोला अजय ये क्या है तब उसके पिता आए और बोले मैं तुम्हे क्या बिला की खेत में खजाना है ये थोड़ी बोला था की खजाने में सोने हीरे मोती है हम किसानों के लिए तो यही सब खजाना होता है ये सुनकर गुस्सा से वहा से फिरकी लाला चला गया गांव के सारे लोग खुशी से ताकि बजाते हुए अजय और राम का स्वागत किए

आशा करते हैं की हमारा यह आर्टिकल टॉप 5 मजेदार कहानियां हिंदी में आपको काफी पसंद आया होगा. इस के बाद हमने 10 मजेदार कहानियां का पोस्ट तैयार किया जा रहा है. इस तरह की और भी मजेदार कहानियां तथा छोटे बच्चों के लिए Jadui Majedar Kahaniya पढ़ने के लिए हमारे इस वेबसाइट AllMobileZone.Com को जरुर Subscribe करें.

Leave a comment