Top Hindi Stories With Moral | छोटे बच्चों की मजेदार कहानियां | छोटे बच्चों की कहानियां हिंदी में

दोस्तों, आज हम Top Hindi Stories With Moral कहानी एवं  छोटे बच्चों की मजेदार कहानियां पढ़ेगे जिसको पढ़कर बच्चे बहुत खुश होंगे साथ ही कहानी पढ़ने के बाद बच्चों को कुछ सिखने को भी मिलेगा. बच्चों को इस तरह की प्रेरणादायक कहानियां बहुत हीं अच्छी लगती है. जब उनके माता पिता छोटे बच्चों को मजेदार कहानियां सुनाते हैं तो उनके माता पिता को भी अच्छा लगता है. तो मिलाजुला कर बात ये आई की छोटे बच्चों की कहानियां सिर्फ छोटे बच्चों को हीं नहीं बल्कि उनके माता-पिता को भी अच्छी लगती है.

 

छोटे बच्चों की मजेदार कहानियां

बच्चों की कहानियां मजेदार होती है तो बच्चों को तथा बच्चे के Mon-Dad को भी बहुत हीं पसंद आता है. छोटे बच्चों की इन मजेदार कहानियां से बच्चों को बहुत हीं सिख मिलती है, जैसे की दोस्ती का महत्व, सही और गलत का अंतर, संयम और धैर्य आदि का ज्ञान होता है. इन कहानियों से बच्चों को यह सिख मिलता है की सच्चाई और ईमानदारी की हमेशा जित होती है, उन्हें संयम तथा धैर्य से काम लेने की शिक्षा मिलती है तथा इससे महत्वपूर्ण चीजें यह सिखने को मिलती है की बच्चे भ्रमित न हो. इन कहानियों के माध्यम से वो अच्छी-अच्छी बातें सीखते हैं तथा उन्हें अपनी जिंदगी में इस्तेमाल करते हैं. इन बच्चों को हरसमय कहानियां सुनने में मजा आता है लेकिन बच्चों की रात की कहानियां का मजा हीं कुछ और है. जब बच्चे सोने जाते हैं तो उन्हें हल्की-फुल्की डरावनी कहानियां भी उनने में मजा आता है. छोटे बच्चों को Jadui Majedar Kahaniya भी बहुत अच्छे लागतें हैं. यह कहानी भी हमारे ब्लॉग पर उपलब्ध है.

 

(01) आभाव के प्रभाव रोमांचक कहानी 

एक बार की बात है, एक जंगल में एक आदमी रहता था। वह बहुत ही गरीब था उसके पास एक भैंस था जिसे वह रोज खाना पानी देता था और उसे बड़े ही प्यार से रखता थावह भैंस दूध भी देती थीं। उस दूध को वह आदमी रोज बेचा करता था और अपनी जरूरत का सामान दाल चावल इत्यादि खरीद कर अपने और अपने बच्चो का पालन पोषण करता था।

यही प्रिक्रिया रोज करता था एक बार की बात है उसके घर के पास से एक साधू बाबा गुजर रहे थे तभी बाबा को उस आदमी के घर दिखाई दिया तो बाबा सोचे क्यों न आज रात यही गुजारा जाए साम भी हो चुका था तो बाबा उस आदमी को बोले की बच्चे क्या मैं तुम्हारे यहा रात भर के लिए रुक सकता हु तो वह आदमी मान गया।

सब लोग खाना खाए खाना खाने के बाद आदमी अपने स्थान पर सोने चला गया और बाबा अपने स्थान पर सोने चले गए सब लोग जब सो रहे थे तो बाबा के मन में एक बिचार आया की क्यू न इस भैंस को चुरा लेते है इसे घर लेजा कर पालन पोषण करुंगा और दूध बेचकर कुछ पैसा भी हो जायेगा और मुझे खाना के लिए इधर उधर भटकना भी नही पड़ेगा इस बात को सोचकर बाबा ने उस आदमी की भैंस को चुरा लिए।

जब आदमी सुबह उठा तो जहा भैंस रहता था वहा गया चारा देने के लिए तो भैंस वहा नही था फिर देखा की बाबा भी गायब है यह सब देखकर वह बहुत हैरान हो गया की अब मैं क्या करूंगा कैसे अपने और बच्चे का पालन पोषण करूंगा मेरे पास बस एक भैंस ही बचा था।

जिसको से अपना पेट चलता था अब तो वो भी नही रहा बहुत बिलाप करने के बाद सोचा कि चलो अपने बागान से कुछ फल और सब्जियां से गुजारा करना पड़ेगा तो उस आदमी ने अपने बागान में गया और वहा उसके बागान में बहुत से विभिन्न विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे थे।

उसे ही अब रोज सिंचाई करने लगा और उसे धीरे धीरे सब्जियां और फल बड़े हो गाए तो अपने खाने के लिए कुछ रखता और बाकि के बाजार में बेचने लगा यही प्रकिया रोज करने लगा धीरे धीरे पैसा इसके पास बड़ने लगा और फिर अपना खुद का घर उसी पैसे से बनाया और अच्छी जिंदगी जीने लगा।

तभी बहुत दिनो के बाद बाबा सोचे की मैं बहुत गलत किया हु उस आदमी के साथ वो बेचारा गरीब आदमी है उसे ये भैंस वापस कर देना चहिए ताकि अपना पेट पाल सके यह सोचकर बाबा ने उस आदमी के पास पहुंचे तो उस आदमी से माफी मांगने लगे और बोलने लगे की बच्चा मुझे माफ कर दो मैं तुम्हारा भैंस को चुरा कर ले गया था तुम इतने दिन कैसे जिंदगी गुजारा होगा यही सब सोचकर मैं ये भैंस तुम्हे वापस करने आया हूँ।

तब वह आदमी जो बोला उससे कुछ सीखने को मिलता है वह आमदी बोला की बाबा कोई बात नही जब मेरे पास भैंस था तो मैं केवल एक भैंस पे आश्रित था लेकीन जब आपने इसे ले गए तो थोड़ी सी मुस्किल हुए लेकीन अब मुझे किसी चीज की कमी नही है आप इसे अपने पास ले जा सकते है

तो दोस्तो इस कहानी से आपको क्या सिखने को मिला हमे comment जरूर करे

» इसे भी पढ़ें: टॉप 5 मजेदार कहानियां हिंदी में (छोटे बच्चों की कहानियां)

 

(02) घमंडी हाथी और तोता की कहानी

बहुत साल पुरानी बात है एक नगर बहुत लोकप्रिय था वहा दूर दूर से लोग व्यापार करने के लिए आते थे एवं राजा महाराजा भी घूमने आते थे। एक बार की बात है उस नगर में तेज हवा और बरीस होने के कारण नगर हवा और पानी से बिल्कुल नस्ट हो चुका था।

वहा एक भी लोग नही बचे सब नष्ट हो जाने के बाद चारो तरफ़ सिर्फ चूहा रहने लगा बहुत सारे चूहे रहने के कारण चूहा का एक महाराज भी था जिसे मूषक राज नाम था कुछ महीनो के बाद राजा के एक चूहे ने बोला महाराज हमलोग को पानी पीने के लिए पहाड़ी के दूसरे तरफ जाना पड़ता है इससे चूहे भाई को बहुत कठिनाई होती है।

तब राजा ने बोला ठिक है अपने नगर के उतर में 5000 सैनिक लेकर जाओ और जमीन की खुदाई करो सारे चूहे ने जमीन खोदकर पानी निकाला एवं वहा एक सरोवर बना दीया अब सारे चूहे वही पानी पीने के लिए जाते सारे चूहे बहुत खुशहाल जिंदगी जीने लगे।

मूषक साम्राज्य के बगल में एक नगर था जहा बहुत से हाथी रहते थे। उस राज्य के राजा गाजा हाथी था एक बार की बात है हाथी के राज्य में बरिस नही हुई बारिस नही होने के कारण वह के सारे हाथी पानी के बिना दम घुटने लगे ये सब देखकर हाथियों के राजा बहुत चिंतित एक पेड़ के नीचे बैठा था।

तभी गाजा हाथी के एक दोस्त मोर वहा आया और बोला महाराज बगल के नगर में एक सरोवर है वहा आपलोग पानी पीने के लिए जाइए यह सुनकर हाथी बहुत खुश हुआ और सरे हाथी को जाकर बोला की चलो वहा पानी पीने चलते है सरे हाथी एक झुंड बनाकर पानी पीने गए हाथी के पैरो से इस नगर के बहुत से चुहे पैरों तले कुचले जा रहे थे।

बहुत से चूहे मारे जाने लगे, ये सब देखकर चूहे के राजा मूषक गाजा हाथी के पास गया और बोला महाराज आपके हाथी मेरे राज्य में पानी पीने के लिए जाते है जिसके कारण मेरे बहुत से चूहे मारे जा रहे है। ये सब सुनकर हाथी बोला ठिक है कल से हमलोग दूसरे रास्ते से जायेगे जाते समय मूषक ने बोल की महाराज आप बहुत दयालु है कभी मेरी जरुरत पड़े तो याद कीजिएगा ये सुनकर घमंडी हाथी मुस्कुरा कर बोला ठिक है।

एक दिन की बात है एक राजा को अपने सेना मजबूत करने के लिए हाथी की जरुरत थी। तब अपने सैनिकों को बोला जाओ जांगल से हाथियों को पकड़ लाओ सैनिकों ने जाल बिछाकर एक एक करके हाथियों को पकड़ने लगे तभी एक दिन गाजा हाथी भी जाल में फस गया उसने छुड़ाने की बहुत कोशिश की पर नाकामयाव रहा ये सब वहा बैठा एक भैसा देख रहा था।

तब उसने हाथी के पास दौड़कर आया और बोला महाराज आप मुसीबत में है मैं आपकी क्या मदद कर सकता हूँ जब मैं बचपन में था। तो अपने मुझे एक गढ़े से निकल कर मेरी जान बचाई थी। आपके लिए मैं अपनी जान देखकर भी मदद करूंगा ये सुनकर हाथी बोला ठिक है।

हमारे नगर के बगल में एक चूहा का राज्य है वहा के राजा मूषक को ममेरी मदद के लिए बुलाकर आओ भैसा ने तुरत दौड़कर चूहा के पास गया और सारी बात बताई चूहा ने अपने सैनिकों के साथ तुरत भैंस पर साबर होकर आया और हाथी को जाल काटकर बचाया हाथी ने उससे माफी मागते हुई ध्नयवाद दीया और बोल मुझे माफ कर दो मित्र मैने तुम्हारी बात को नजर अंदाज किया अब से दोनों नगर मिलजुकर रहने लगे।

» इसे भी पढ़ें: छोटे बच्चों के लिए जादुई मजेदार कहानियां

 

(03) बुद्धिमान तोता की कहानी

एक बार की बात हैं एक जंगल में दो तोता रहता था। वह बहुत ही खूबसूरत और आकर्षक था। दोनो तोते बहुत प्यार से रहते थे तभी एक दिन दोनो तोता पर एक शिकारी का नजर पड़ा शिकारी ने दोनो तोता को देखकर बहुत खुश हुआ फिर उसने सोचा इसे पकड़कर महराज के पास ले जाऊंगा तो महाराज बहुत प्रसन्न होगे और मुझे इनाम भी देगे।

तब उसने दोनो तोते को पकड़कर महाराज के पास ले गया। ठिक वैसा ही हुआ जैसा शिकारी ने सोचा था राजा ने दोनो तोते को देखकर बहुत प्रसन्न हुऐ और ईनाम में शिकारी को बहुत सोना चांदी और भी पुरस्कार दिए।

सब लोग तोता से बहुत प्यार करने लगे और उसे सोने के पिंजड़े में रखा गया समय पर उसे ताजे फल खाने को दीया जाता दोनों तोता बहुत खुश थे और आपस में बात करते और बोलते की भाई हमारी जिंदगी पहले से बहुत बेहतर हो गया है और राजकुमार भी मेरे पास खेलने आता है ऐसा देखकर दोनो तोता काफी खुश थे।

तभी एक दिन फिर वही शिकारी एक काला बन्दर लेकर आया और राजा को दीया तो राजा इस बन्दर को देखकर भी बहुत प्रसन्न हुए और इस बार भी।उसे इनाम दीए और सब लोग बन्दर को बड़े प्यार से रखने लगे।

उसके लिए तुरत नौकर भी मौजुद हो जाता था। और राजकुमार भी उसके साथ ही अब खेलता था अब तोता पर कोई ध्यान तक नही देने लगा यह सब देखकर छोटा तोता बहुत निराश हो गया और बड़े तोता से बोला की भाई अब हमलोग पर कोई ध्यान तक नही देता है तब बड़े तोता छोटे तोता से बोला की धैर्य रखो हर बार समय एक जैसा नही रहता है।

कुछ दिन बीता तो एक दिन की बात है बंदर ने बहुत शरारत किया महल में इधर उधर उछल कूद किया और महल का बहुत नुकसान कर दीया तब सब लोग सोचे की इस बन्दर को जंगल में छोड़ देना चाहिए।

तब सब लोग ने इस बन्दर को जंगल में छोड़ आया और फिर सब लोग ने फिर से तोता के पास जाने लगे और बिल्कुल पहले की तरह प्यार और रहन सहन होने लगा ये सब देखकर छोटा तोता बहुत खुश हुआ तब बड़े तोता ने बोला की कभी भी किसी को हार नही मानना चहिए समय हर बार एक जैसा नही होता है।

तो दोस्तो इस कहानी से आप क्या सीखे comment में जरुर बताए।

 

(04) बाबा भारती खड़क सिंह की कहानी

बहुत समय पहले की बात है एक कुटिया में एक साधू बाबा रहते थे। वे बहुत ही अच्छे और नेक विचार के थे उनके पास एक घोड़ा था बाबा घोड़े के बहुत शौकीन थे। वे रोज घोड़े से अपने आस पास के जंगल में घुमा करते थे और फिर साम को अपने कुटिया में एक घोड़ा रखने बाला अस्तबल बना रखे थे उसी में रोज घोड़ा को रखते थे।

एक बार की बात है, जब बाबा घोड़ा पे सवार होकर जा रहे थे। तो उनकी घोड़ा पर एक डाकू का नजर पड़ा जिसका नाम खड़क सिंह था. डाकू खड़क सिंह ने घोड़ा को देखा खड़क सिंह को  घोड़ा बहुत पसन्द आया फिर उसने सोचा इतना अच्छा घोड़ा बाबा भारती के पास नही बल्कि मेरे जैसे लोगों के पास होना चाहिए फिर क्या था उसने बाबा भारती के पीछे लग गया।

उनका रोज का रूटीन जाना फिर एक दिन घोड़ा को चुराने का प्रोग्राम बनाया उसने बहुत ही दिमाग लगाया की बाबा भारती से ये घोड़ा कैसे चोरी करे तभी उसके मन में एक उपाय सूझा।

तभी बाबा भारती अगले दिन रोजाना की तरह घोड़ा पर सवार होकर जंगल की तरफ जा रहे थे। तभी एक भिखारी की भेष में कोई अपाहिज जोर जोर से चिला रहा था और बोल रहा था बचाओ- बचाओ …. यह आवाज सुनकर बाबा भारती अपाहिज़ के नजदीक गए और घोड़ा पर से नीचे उतरे और बोले क्या हुआ।

वो भिखारी अपाहिज़ बोला बाबा मुझे आगे जाना है और बहुत जोरो का भूख भी लगा है क्या आप अपने घोड़े से आगे तक पहुंचा देगे तब बाबा भारती बोले क्यों नही आओ चलो आगे तक तुमको छोड़ देता हूँ. तब बाबा के घोड़े पर बैठ गया और बाबा भारती भी साथ में बैठ गए कुछ दूर जाने के बाद बाबा भारती  को अचानक जोर का धक्का देकर बाबा को घोड़ा पर से नीचे धकेल देता है।

तब बाबा नीचे गिर जाते है और घोड़ा का लगाम अपने हाथो में लेता है और घोड़ा को तेजी से भगाने लगता है ये घोड़ा को भगाने बाला और कोई नही वही डाकू खड़क सिंह था, जो घोड़ा चोरी करने के लिए आया था।

तभी बाबा बोले की जाते जाते मेरा एक बात सुनते जाओ यदि कोई पूछेगा कि घोड़ा कहा से लाए हो तो ये मत बोलना की मैं बाबा भारती  के साथधोखा करके घोड़ा चुरा लिया हूँ।

इतना सुनकर वहा से घोड़ा लेकर भाग जाता है डाकू खड़क सिंह बाबा भारती  का घोड़ा चुरा तो लेता है. लेकीन बाबा भारती जो बात बोले वह बात खड़क सिंह सोचने लगा बहुत सोचने के बाद डाकू बाबा की बात से चिंतित हो गया और बाबा के पास घोड़ा छोड़ने का फैसला किया।

उसी रात जब बाबा भारती सो रहे थे तभी उनके कुटिया में खड़क सिंह घोड़ा को लेकर अस्तबल में छोड़ आया जब बाबा सुबह उठे तो घोड़ा को वहा पाकर बहुत प्रसन्न हुए।

दोस्तो ईश कहानी से आपने क्या सीखा हमे comment में जरुर बताए।

» इसे भी पढ़ें: भूतों की कहानियां हिंदी में

 

(05) घड़ा की कहानी

एक बार की बात है एक comptation हो रहा था comptatioen में एक शर्त रखा गया शर्त ये था। कि सबसे वेस्ट घड़ा बनाना है,तो शर्त के अनुसार सब लोग comptation में भाग लिए थे।

तो सब लोग को 2 ग्रुप में बाट दीया गया। ग्रुप A और ग्रुप B , ग्रुप A को यह बोला गया की आपको 30 दिन में 30 सबसे वेस्ट घड़ा बनाना है और ग्रुप B को बोला गया की आप एक ही घड़ा बनाइए लेकीन वो दुनिया का सबसे वेस्ट घड़ा होना चहिए।

तो सब लोग ने अपना अपना काम सुरु कर दीया जब 30 दिन पुरा हो गया तो सब लोग उसी स्थान पर आए जहा शर्त रखा गया था। तब दोनो ग्रुप को बोला गया की अपना अपना घड़ा दिखाओ भाई तो सब लोग ने शर्त के अनुसार अपना अपना घड़ा बनाएं थे।

तो दिखाए पहले ग्रुप B बाला दिखाया तो अच्छा था लेकीन जब ग्रुप A की बारी आई तो ये 30 में से 30 घड़ा वो एक घड़ा से बहुत अच्छा था।

यहाँ सिखने बाली बात ये है की कुछ लोग अपने सपने के लिए कुछ करना तो चहते है लेकीन कोई सुरु नही कर पाते है और सोचते है की अच्छा बन जाऊंगा तब सुरु करूगा लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते है जो सुरु कर देते और सफल हो जाते है।

यह कहानी से आप लोग क्या सीखे हमें comment में जरुर बताए।

 

(06) छाता और भोला कि कहानी

एक बार की बात है एक गांव में भोला नाम का एक आदमी अपने बीबी और बच्चे के साथ रहता था। उसका बेटा हर बार की तरह परीक्षा में इस बार भी अच्छे अंक से पास हुआ। पास हो जाने के कारण वह आगे की पढ़ाई बगल के गांव में करना चाहता था। पर उसके लिए पैदल जाना पड़ता और वर्षा के मौसम भी आने बाला था।

एक महीने के बाद बरसात आने वाली थी भोला के बेटे को वर्षा में जानें में बहुत दिक्कत होता उसका किताब भी बारिश में खराब हो जाता तबियत भी खराब होने का डर था।

बच्चा बहुत उदास था उसका उदासी देखकर भोला अपने बेटे को बोला क्यों उदास हो बेटे मैं हू ना मैं तेरे लिए छाता ला दूंगा। इस बात को उसकी बीबी/पत्नि सुन रही थीं। बोला आपने पत्नी के पास गया तो बोली की छाता लाने के लिए इतने पैसे कहा से लाओगे तुम उतना पैसा भी नही कमाते हो।

यह सन सुनकर भोला अपने काम पर लग जाता है भोला एक टोकरी बनाने बाला था। वह रोज जंगल से बास को काट कर टोकरी बनाया करता था।

तो हर रोज की तरह इश बार भी टोकरी बना कर बाजार में बेचने गया हर दिन एक एक रूपये के जमा करता और एक महीनमें मात्र 100 रूपये ही जमा कर पाया यह देखकर उसकी पत्नि बहुत उदास थी।

पत्नी बोली इतना पैसा से छाता कैसे आएगा कल से छोटू का स्कूल भू जाना है और उसी रात जोरो का बारिश हो रही थीं। छोटू बहुत उदास था और बोल रहा था।

तो कल स्कूल कैसे जायेगे सब लोग सोने चले गए और भोला भी सोने गया जब भोला सो रहा था तो उसके सपने में कुलदेवमाता आए और बोले की बेटा तुम अपने हाथ से अल लकड़ी का छाता बना लॉ टन तक कुछ दिन छोटू स्कूल तो जायेगा न इतना सुना और उसकी नींद खुल गई जैसे ही कल सुबह हुआ तो बॉस का छाता बना हुआ छोटू के रूम के पास रख दीया छोटू देखकर बहुत खुश हुआ और स्कूल गया।

रास्ते में लोग उसे ही देख रहे थे लकड़ी का छाता पहली बार सब लोग ने देखा था छोटू जब स्कूल पहुंचा तो छाता को देखकर उसकी शिक्षक आश्चर्चकित हो गाए और बोले लकड़ी का छाता कहा से खरीदे हो छोटू बोला ये छाता मेरे पापा ने बनाए है।

शिक्षक ने छोटू के साथ छूटी के बाद छोटू के घर गए और अपने लिए भोला से एक छाता बनवाए लोगो ने भोला का छाता को बहुत पसन्द किए धीरे धीरे पुरे क्षेत्र में लकड़ी का छाता नामी हो गया यह सब देखकर एक बिजनेस मैन भोला को बहुत से छाते बनाने के लिए आर्डर देते है और उसके बदले में भोला को बहुत पैसा देते है धीरे धीरे भोला बहुत अमीर बन जाता है और खुशहाल की जिंदगी जीने लगता है.

 

निष्कर्ष

दोस्तों छोटे बच्चों की मजेदार कहानियां पढ़कर कैसा लगा. Moral Story In Hindi के माध्यम से क्या सीखनें को मिला. इन सभी मजेदार कहानी में से सबसे अच्छी विद्यार्थी के लिए प्रेरणादायक कहानी  कौन सी लगी यह जरुर बताएं. इसी तरह के और भी छोटे बच्चों की कहानियां इस ब्लॉग पर पढ़ सकते हैं. Hindi Moral Stories पढनें  के लिए हमारे इस वेबसाइट Allmobilezone.com पर दुवारा जरुर आए.

Leave a comment